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शाही ठाठ बाट के साथ रथ में आज सातवें सोमवार को जटाशंकर व अन्य 6 अलग अलग स्वरूपों में भगवान महाकालेश्वर ने दिए भक्तो को दर्शन। आगे आगे रहा भगवा ध्वज *सवारी मार्ग में हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल को पुष्प अर्पित कर लिया दर्शन लाभ*! 

सवारी में इस बार आगामी चुनाव के मद्देनजर हाथ मे फ्लेक्स लिए मतदाताओं को *मतदाता सूची में नाम जुड़वाने व मतदान करने के लिए प्रेरित करती दिखी दो शासकीय महिला कर्मी*!

 

उज्जैन: धार्मिक नगरी अवंतिका उज्जयिनी में श्रावण/भादौ मास के सातवें सोमवार को विशाल भगवा ध्वज व शंख नाद के साथ भगवान महाकालेश्वर ने रथ पर सवार होकर जटाशंकर रूप में भक्तो को दर्शन लाभ दिए साथ ही बाबा पालकी में चंद्रमोलेश्वर, हांथी पर मनमहेश, गरुड़ रथ पर शिव तांडव, नंदी रथ पर उमा मेहश व होलकर रूप में नजर आए। बाबा की सवारी शाही ठाठ बाट के साथ मंदिर प्रांगण से शाम 4 बजे निकली। सवारी मार्ग में हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल को पुष्प अर्पित कर दर्शन लाभ लिया वहि
आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सवारी में इस बार हाथ मे फ्लेक्स लिए मतदाताओं को मतदाता सूची में नाम जुड़वाने व मतदान करने के लिए प्रेरित करती दो शासकीय महिला कर्मी कलेक्टर के निर्देशन में आगे आगे चलती नजर आईं।

सवारी मंदिर से महाकाल घांटी, गुदरी चोराहे, शिप्रा नदी पहुँची जहां बाबा का पूजन हुआ और फिर सवारी शिप्रा नदी से गोपाल मंदिर, पटनी बाजार होते हुए महाकालेश्वर मंदिर शाम 8 बजे लौटी। बाबा की सवारी में कई जनप्रतिनिधि और साधु संत शामिल हुए।

भगवान श्री महाकालेश्वर का मंदिर के सभामंडप में 03 बजे से 04 बजे तक विधिवत षोडशोपचार से पूजन-अर्चन हुआ। इसके पश्चात भगवान की आरती की गई। शासकीय पूजन के बाद अपने निर्धारित समय 4 बजे महाकालेश्वर पालकी में विराजित भगवान श्री चंदमोलेश्वर, मनमहेश, शिवतांडव, उमा मेहश रूप, होलकर स्टेट घटाटोप व जटाशंकर स्वरूप में नगर भ्रमण पर निकले। भगवान के सभी स्वरूपों का विधिवत पूजन-अर्चन मुख्य पुजारी पं.घनश्याम शर्मा ने संपन्न कराया। पालकी जैसे ही श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची *मध्य प्रदेश सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा भगवान श्री महाकाल को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) देने के बाद पालकी नगर भ्रमण की ओर रवाना हुई*। पालकी में आगे आगे भगवा ध्वज, शंख नाद, कड़ा बिन तोप, आतिशबाजी, घुड़ सवार आकर्षण का केंद्र रहे। वहिं नाचते गाते झूमते भक्त सड़क के दोनों और फूलों की वर्षा करते दिखे। पालकी में ढोल, नगाड़े, डमरू भी शामिल रहे।

अब आगे और कब कब रहेगी सवारियां ये भी जानिए।
आठवीं सवारी - 28 अगस्त 2023
नौवीं सवारी - 4 सितंबर 2023
अंतिम शाही सवारी - 11 सितंबर 2023

न्यूज़ सोर्स : Icn